बादलकियों द्वारा गुरु घर की गोलक पर भी हमला – सरना
पंजाब के सभी स्रोतों पर नाजायज़ ढंग से कब्ज़ा करने के बाद बादल परिवार की नज़रें अब गुरु की गोलक की तरफ मुड़ गयी हैं.. पिछले लम्बे समय से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के स्रोतों पर बादलकियों का प्रभाव बढ़ रहा था जिस में गुरुद्वारों की गोलक को निजी एवं राजनितिक फायदों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था और शिरोमणि कमिटी का प्रधान, अवतार सिंघ मक्कड़ अपनी प्रधानगी को बचाने के लिए अपने निजी फायदों को सामने रख कर, बादलकियों के हाथों की कठपुतली बना हुआ है.. इस की अनेक मिसालें सामनें हैं, पर सरकार, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी और अकाल तख़्त पर पूर्ण रूप से प्रभाव होने के कारण इन मस्लों पर कोई भी कार्यवाही नहीं होती.. इस दुखदाई स्थिथि सम्बन्धी शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के प्रधान तथा दिल्ली सिख्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के लम्बे समय तक रहे प्रधान स. परमजीत सिंघ सरना ने प्रेस के नाम एक ब्यान में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी का एक और स्कैंडल उजागर किया, जिस सम्बन्धी पंजाब के अखबारों में चर्चा ही चल रही थी..
स. सरना ने अपना ब्यान जारी करते हुए कहा कि पंचकूला के एकाउंट्स के माहिर सरदार एस. एस. कोहली को नाजायज़ ढंग से शिरोमणि कमिटी के कई कार्यों का सलाहकार रखा हुआ है और इस के बदले में सरदार कोहली को साल का लगभग एक करोड़ रूपया दिया जा रहा है जब कि वह इन संस्थाओं से पैसा वसूलता है वहां कभी कभी ही चक्कर मारता है.. इस के अलावा शिरोमणि कमिटी से सम्बंधित बहुत सारे कंस्ट्रक्शन तथा और कार्यों के ठेके भी उनको ही दिए जा रहे है जब की इस से पहले यह कार्य कार सेवा द्वारा करवाए जाने की सिख्ख परंपरा है..
स. सरना ने सनसनीखेज़ खुलासा करते हुए कहा कि जब यह मामला शिरोमणि कमिटी की कार्यकारिणी में उठाया गया तो सारे मेम्बरों की राये थी कि यह नियुक्ति और कार्य तुरंत रद्द किये जाए, पर शिरोमणि कमिटी के उपप्रधान तथा बादलकियों के रिश्तेदार स. रघुजीत सिंघ विर्क ने सलाह डी कि इस संबधी सुखबीर सिंघ बादल की सलाह ले की जाए. इस पर प्रधान स. मक्कड़ ने सुखबीर सिंघ बादल से राय लेने का फैसला लिया गया.. स. सरना ने ब्यान को जारी रखते हुए कहा की इस फैसले से ही जाहिर होता है की इस नियुक्ति और ठेकेदारी में सुखबीर बादल के व्यापारिक हितों के लिए स. कोहली ही काम करता है.. स. सरना ने कहा कि बादलकियों के नाम आने पर भी शिरोमणि कमिटी भी इस लूट के प्रति मजबूरी में चुप है..
मीडिया के प्रभाव में शिरोमणि कमिटी के प्रधान, स. अवतार सिंघ मक्कड़ ने स. कोहली को उसकी सभी सेवाओं से असंतुष्टि जाहिर करते हुए कार्य काज से असमर्थ होने के कारण कार्यकारणी के आदेशों की पूर्ती करते हुए फारिग कर दिया.. स. अवतार सिंघ मक्कड़ ने यह भी प्रगट किया कि स. कोहली ने जितने कर्मचारी शिरोमणि कमिटी के खर्चे पर रखे हैं, उनको भी कार्यमुक्त कर दिया जाएगा.. स. सरना ने हैरानी प्रकट करे हुए कहा कि शिरोमणि कमिटी के प्रधान ने कुछ घंटो के बाद ही सुखबीर बादल के दबाव में आ कर स. कोहली को वापिस सेवाओं पर वापिस ले लिया और इस फैसले के लिए कार्यकारिणी की सलाह लेने की भी जरूरत महसूस नहीं की, जो अनैतिकता का सबूत ही नहीं बल्कि गैरकानूनी भी है.. स. सरना ने सपष्ट करते हुए कहा कि इस कार्यवाही से शिरोमणि कमिटी के प्रधान तथा अकाली दल के प्रधान द्वारा गोलक की लूट खसूट शामिल थी वहीँ अब कब्ज़ा और जबरदस्ती भी शामिल हो गयी है..
स. परमजीत सिंघ सरना ने गुरु की गोलक की इस लूट और अनेकों ही स्कैंडल के लिए सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट के भूतपूर्व जजों की कमिटी बना कर सारे मामले की जांच की मांग की तांकि गुरु की गोलक को गुरु के दोषियों से बचाया जा सके और संगत का गुरु घर पर विश्वास कायम रह सके..