ਕੈਟੇਗਰੀ

ਤੁਹਾਡੀ ਰਾਇ



ਇਤਹਾਸਕ ਝਰੋਖਾ
शहीद भगत सिंह का सिख परिवार आर्य समाजी विचारधारा से आकर्षित क्यों हुआ ?
शहीद भगत सिंह का सिख परिवार आर्य समाजी विचारधारा से आकर्षित क्यों हुआ ?
Page Visitors: 2562

शहीद भगत सिंह का सिख परिवार आर्य समाजी विचारधारा से आकर्षित क्यों हुआ ?
September 27, 2015 ·
२८-०९-१९०७ मे जब भगत सिंह का जन्म हुआ, सिक्खोंके सभी एतिहासिक धार्मिक स्थान कथित सन्तों, महन्तो, मसन्दों के कब्जे मे थे जिन्हें अँग्रेज़ों का प्रश्रय प्राप्त था.गुरद्वारों मे पुजारी स्वँय को पुजवा रहे थे, गुरु ग्रँथ साहिब से ग्यान प्राप्त करने के बजाय गुरु ग्रँथ साहिब की मूर्ति के समान पूजा हो रही थी. परिक्रमा मे देवी देवताओं की मूर्तियों की स्थापना कर दी गई थी. भाड़े के मँत्रोचार की भाँति अखँड पाठों मे सिक्खों को उलझा दिया गया था. स्वर्ण मन्दिर मे भ्रष्ट मुख्य पुजारी द्वारा जनरल डायर जैसों का सम्मान हो रहा था. मूर्तिपूजा के विरोधी गुरुनानक की ही मूर्ति बना कर पूजा हो रही थी.गुरद्वारों से निर्गुणवादी ग्यान मार्ग का स्थान घँटो घड़ियालों ज्योतों ने ले लिया था, ऐसे वातावरण मे मूर्तिपूजा विरोधी आर्यसमाज की जड़ें जमना स्वभाविक था. यही कारण था कि गुरद्वारा सुधार अँदोलन, जैतो के मोर्चे मे भाग लेने वाला शहीदों का यह परिवार आर्यसमाज़ से प्रभावित हुआ.
आज पुन: गुरुद्वारों से गुरुनानक की विचारधारा विलुप्त हो रही है, काले अँग्रेजों का सम्मान किया जाता है, सिक्खों में सिक्ख धर्म के प्रति उदासीनता व्याप्त हो रही है. सच्चे सिक्खों की कमी है ढोंगी बहुरूपियों का बोलबाला है.अकाल तखत जैसे स्थानों पर बैठा धार्मिक नेतृत्व यदि समय रहते न चेता तो वर्तमान युवा पीढ़ी भी दूसरे धार्मिक मार्गों पर विचलित हो सकती है.
Er Narendra Singh Monga

 

©2012 & Designed by: Real Virtual Technologies
Disclaimer: thekhalsa.org does not necessarily endorse the views and opinions voiced in the news / articles / audios / videos or any other contents published on www.thekhalsa.org and cannot be held responsible for their views.