ਇਤਹਾਸਕ ਝਰੋਖਾ
*क्या आपने पश्चिमी प्रतिभाओं की लिखी ये पंक्तियाँ पढ़ी हैं, *
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*क्या आपने पश्चिमी प्रतिभाओं की लिखी ये पंक्तियाँ पढ़ी हैं,*
*1):- लियो टॉल्स्टॉय (1828-1910)*
"सिख और सिखी’ एक दिन इस दुनिया पर राज करेंगे क्योंकि यह ज्ञान और बौद्धिकता का मिश्रण है।"
*2):- हरबर्ट वेल्स (1846-1946)*
"जब तक विश्व ‘सिख धर्म को अच्छी तरह से समझ पाएगा, तब तक न जाने कितनी और पीढ़ियों को अत्याचार और हत्याओं का सामना करना पड़ेगा !!
लेकिन “दुनिया एक दिन सिख धर्म से प्रेरित होगी,.
उस दिन दुनिया इंसानों के बसने और रहने लायक जगह बन जाएगी।"
*3):- अल्बर्ट आइंस्टीन (1879-1955)*
"वो (?) वह करता है; जो यहूदी नहीं कर सकते।
उन्होंने इसे ज्ञान और ऊर्जा के साथ किया,॥
लेकिन केवल “सिख धर्म” में ही शांति का नेतृत्व करने की शक्ति है।"
*4):~. ह्यूस्टन स्मिथ (1919)*
"जितना भरोसा हम स्वयं पर करते हैं उतना ‘सिख धर्म” पर नहीं कर पा रहे.॥
अगर हम अपने विचारों और हार्दिक भावनाओं को “सिख धर्म की ओर मोड़ सकें, तो इससे हमें फायदा होगा।"
*5):-. बर्ट्रेंड रसेल (1872-1970)*
"मैंनें “सिख धर्म” के बारे में पढ़ा है.॥
मुझे लगता है कि यह पूरी दुनिया में मानव जाति का धर्म है,॥
सिख धर्म पूरे यूरोप में फैल गया है, सिख धर्म का अध्ययन करने वाले कई विद्वान यूरोप में दिखाई देंगे। एक दिन ऐसी स्थिति बनेगी जहां दुनिया का नेतृत्व केवल “सिख ही करेंगे।"
*6):-. कोस्टा लोबन (1841-1931)*
"सिख केवल शांति और सुलह की बात करते हैं,॥
मैं ईसाइयों को परिवर्तन की प्रशंसा करने और उसमें विश्वास करने के लिए आमंत्रित करता हूं।"
*7):- बर्नार्ड शॉ (1856-1950)*
"एक दिन यह दुनिया “सिख धर्म को स्वीकार कर लेगी,
“सिख धर्म के 'सतनाम' को समझे बगैर कोई इसके सिद्धांतों को स्वीकार नहीं कर पाएगा,॥ पश्चिमी राष्ट्र भी निश्चित रूप से एक दिन “सिख धर्म अपनाएंगे,॥
विद्वानों का धर्म भी “सिख धर्म के समान ही है।"
*8):- जोहन कीथ (1749-1832)*
"आज नहीं तो कल, एक दिन हमें “सिख धर्म को स्वीकार करना ही होगा,॥
क्योंकि वही सच्चा धर्म है।"
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