उना दलित पिटाई मामले में चार पुलिसकर्मी गिरफ्तार
बता दें कि IBN7 ने पिटाई के वीडियो दिखा कर सवाल उठाया था कि आरोपियों के पास पुलिस के इस्तेमाल में आने वाली लाठी कहां से आई। इन पुलिस कर्मियों ने ही आरोपियों को बचाने के लिए गाय चोरी की फर्जी शिकायत भी दर्ज कराई थी। लेकिन सीआईडी की जांच में जल्द ही सारे मामले का खुलासा हो गया।
सीआईडी की चार्जशीट के मुताबिक स्थानीय पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से ही दलितों की पिटाई को अंजाम दिया गया था। सीआईडी क्राइम सूत्रों के मुताबिक घटना के अगले दिन गाय चोरी की फर्जी शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस अच्छे से जानती थी कि शिकायत फर्जी है बावजूद इसके सरकारी दस्तवेज बनाए गए।सूत्रों के मुताबिक फर्जी गौ रक्षकों के साथ पुलिस की मिलीभगत थी। गाय पहले से मरी हुई थी जिसका चमड़ा दलित निकाल रहे थे लेकिन ऐसा माहौल बनाया गया कि ये दलित लड़के गाय को मार कर इसका चमड़ा निकाल रहे हैं। एक दिन पहले ही गाय शेर का शिकार हुई थी। फोरेंसिक रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हुआ कि गाय पहले ही मरी हुई थी।