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बिहार में बाढ़ की विभीषिका का स्थाई समाधान
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बिहार में बाढ़ की विभीषिका का स्थाई समाधान
सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है, पालतू पशुओं की मौतों और संकड़ामक रोगों से हजारों पीड़ित होकर तिल तिल कर मरने को मजबूर होते हैं।
उतर बिहार की नदियां हिमालय से निकल कर नेपाल की तराई से होकर बिहार में प्रवेश करती है। प्रत्येक वर्ष मानसून में नेपाल की तराई और बिहार के उत्तरी भाग में बारिश के कारण बिहार के लोगों को बाढ़ की त्रासदी से रूबरू होना पड़ता है। कभी इन्द्रदेव को तो कभी चूहे को, कभी कमजोर तटबंधों और कभी उदासीन सरकारी महकमों के सिर बाढ़ का ठिकरा फोड़ा जाता है। इन नदियों में भरे गाद, जिसके कारण नदियों की जलग्रहण क्षमता में कमी को दोष दिया जाता है।
कभी इसके लिए नेपाल को आरोपित किया जाता है। कुल मिलाकर दोषारोपण की इस पूरी कवायद में नुकसान बिहार के लोगों और बिहार के संसाधनों का हो रहा है।
देश के प्रधानमंत्री, बिहार के मुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, सांसद और विधायकों से आग्रह है कि बिहार की जनता को बाढ़ की विभीषिका से स्थायी और समयबद्ध तरीके से निदान दिलायें।
राजनीति और लूट-खसोट से उपर उठकर आप सब एक-दूसरे के सहयोग से बिहार की जनता को बाढ़ की विभीषिका से स्थायी तौर पर निदान दिलाने के लिए सच्चा प्रयास करें, इस कार्य में विशेषज्ञों और समाज सेवी संस्थाओं को भी अपने साथ लेकर कोशिश करें।
उतर बिहार की नदियां हिमालय से निकल कर नेपाल की तराई से होकर बिहार में प्रवेश करती है। प्रत्येक वर्ष मानसून में नेपाल की तराई और बिहार के उत्तरी भाग में बारिश के कारण बिहार के लोगों को बाढ़ की त्रासदी से रूबरू होना पड़ता है। कभी इन्द्रदेव को तो कभी चूहे को, कभी कमजोर तटबंधों और कभी उदासीन सरकारी महकमों के सिर बाढ़ का ठिकरा फोड़ा जाता है। इन नदियों में भरे गाद, जिसके कारण नदियों की जलग्रहण क्षमता में कमी को दोष दिया जाता है।
कभी इसके लिए नेपाल को आरोपित किया जाता है। कुल मिलाकर दोषारोपण की इस पूरी कवायद में नुकसान बिहार के लोगों और बिहार के संसाधनों का हो रहा है।
देश के प्रधानमंत्री, बिहार के मुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, सांसद और विधायकों से आग्रह है कि बिहार की जनता को बाढ़ की विभीषिका से स्थायी और समयबद्ध तरीके से निदान दिलायें।
राजनीति और लूट-खसोट से उपर उठकर आप सब एक-दूसरे के सहयोग से बिहार की जनता को बाढ़ की विभीषिका से स्थायी तौर पर निदान दिलाने के लिए सच्चा प्रयास करें, इस कार्य में विशेषज्ञों और समाज सेवी संस्थाओं को भी अपने साथ लेकर कोशिश करें।