Share
नई दिल्ली। सर्जिकल स्ट्राइक और बॉलीवुड फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' को लेकर देश में सियासत के नए रुख से सेना अपसेट है। उसने पाकिस्तानी कलाकारों के फिल्मों के काम करने को लेकर राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस की शर्तों पर नाराजगी व्यक्त की है।
आपको बता दें कि राज ठाकरे की पार्टी मनसे ने ऐ दिल है मुश्किल के प्रोड्यूसर्स के सामने फिल्म रिलीज होने देने की शर्त रखी थी कि पाकिस्तानी कलाकार को फिल्म में लेने पर करण जौहर को आर्मी रिलीफ फंड में 5 करोड़ रुपए जमा कराने होंगे।
भारतीय सेना के एक सीनियर आॅफिसर ने कहा कि सेना गैर राजनीतिक, अनुशासित और धर्मनिरपेक्ष संस्था है और इसे राजनीति में न ही घसीटा जाए तो बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षा बल राजनीति की निचले स्तर की लड़ाई का हिस्सा नहीं बनना चाहते।
वहीं एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सेना वही फंड स्वीकार करती है जो कि स्वेच्छा से दिया जाए। उरी आतंकी हमले के बाद शहीद जवानों और परिजनों की मदद के लिए बड़ी तादाद में लोग एकजुट हुए और आर्मी को फंडिंग की। इसी के बाद 'आर्मी वेलफेयर फंड बैटल कैजुअल्टीज' डिपार्टमेंट का गठन किया गया था।
MNS प्रमुख राज ठाकरे के प्रति पूर्व सैनिकों ने खुलकर ट्विवटर पर नाराजगी का इजहार किया है।लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (रिटायर्ड) ने लिखा कि सेना किसी शर्त पर दिए गए पैसों को हरगिज स्वीकार नहीं करेगी।
वहीं एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर (रिटायर्ड) ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ये मेरे देश में आखिर हो क्या रहा है? सेना वेलफेयर फंड में सहयोग के पीछे प्यारे देशवासियों की भावनाओं और प्यार पर यकीन करती है। यह पैसा राज ठाकरे की वसूली का नहीं हो सकता।
Source: hindi.oneindia.com